29 जवाब तय करेंगे कौन बनेगा बाल मैत्री ग्राम पंचायत नम्बर वन
ग्राम पंचायत में कितने बच्चों का टीकाकरण हुआ। कितने बच्चों का विद्यालय में नामांकन कराया गया। उच्च प्राथमिक विद्यालय में बच्चों का ड्राप-आउट कितना घटा। एक-दो नहीं 29 बिंदुओं पर सवालों का जवाब देकर 100 अंक हासिल करना है। अधिकतम अंक अर्जित करने वाली ग्राम पंचायत नम्बर वन बाल मैत्री ग्राम पंचायत बन जाएगी। भारत सरकार इस ग्राम पंचायत को पुरस्कृत करेगी।
भारत सरकार ने सराहनीय और बेहतर काम करने वाली पंचायतों को एक बार फिर सम्मानित करने का फैसला लिया है। पंचायत पुरस्कार वर्ष 2020 के तहत दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार के तहत प्रदेश में बेहतर काम करने वाली 30 ग्राम पंचायतों को सम्मानित किया जाएगा। प्रदेश की 4 क्षेत्र पंचायतों और 2 जिला पंचायतों को भी सम्मानित किया जाएगा। इन पुरस्कारों के लिए भारत सरकार द्वारा चयनित 9 विषयों में से किसी एक विषय पर 20 अंकों वाली प्रश्नावली पर आवेदन किया जाएगा।
इसी तरह बाल मैत्री ग्राम पंचायत पुरस्कार के लिए भी ग्राम पंचायतों को वर्ष 2018-19 का परफार्मेंस बताना होगा। इसके साथ ही दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार, नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार, ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार भी दिए जाएंगे। ग्राम पंचायतों को जनपदस्तरीय परफार्मेंस कमेटी के समक्ष स्वमूल्यांकन कर 31 जनवरी तक प्रश्नावलियों को ऑनलाइन भरकर प्रस्तुत करना होगा।
14 तक भारत सरकार को जाना है प्रस्ताव
ग्राम पंचायतों द्वारा प्रस्ताव 14 फरवरी के पहले भारत सरकार को भेजना है। इसके लिए मागदर्शिका उपलब्ध कराई गई है। वेबपोर्टल पर सचिव ग्राम पंचायत, बीडीओ, एडीओ पंचायत के यूजर आईडी, पासवर्ड संबंधित डीपीआरओ की ईमेल आईडी, जिला पंचायतों के यूजर आईडी और पासवर्ड की मदद ली जा सकेगी।
पुरस्कारों के लिए तय हैं ये 9 बिंदु
स्वच्छता, नागरिक सेवाएं (पेयजल, स्ट्रीट लाइट, बुनियादी, संरचना), प्राकृतिक संसाधन का प्रबंधन, सामाजिक क्षेत्र में प्रदर्शन, आपदा प्रबंधन, ग्राम पंचायतों को व्यक्तिगत, स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा दी जा रही सेवाएं, राजस्व सृजन में नवाचार और ई- गर्वनेंस शामिल की गई हैं।
बाल मैत्री पंचायत पुरस्कार के लिए तय बिंदु
बाल मैत्री पंचायत पुरस्कार के लिए बच्चों का टीकाकरण, स्कूलों में नामांकन, ड्राप आउट, विद्यालय छोड़ चुके बच्चों का पुन: प्रवेश, बच्चों का उच्च, अपर और प्राथमिक विद्यालयों में जाना, सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति, आंगनबाडी केंद्रों में पदों के सापेक्ष कर्मचारियों की उपलब्धता, कर्मचारियों की उपलब्धता, शिक्षकों की उपलब्धता, छात्र-छात्राओं की उपस्थिति, ओडीएफ की स्थिति, किशोरियों को सेनेटरी पैड का वितरण, मिड डे मील, पेयजल सुविधा, खेन के मैदान, योग सम्बंधी गतिविधियां, बच्चों का पोषण विकास, विकास का स्तर, ग्राम स्वास्थ्य आदि बिंदुओं पर परफार्मेंस बताने हैं।